BAREILY स्कूल में बच्चे दबाने लगे अपना गला:बरेली में 7 छात्रों की तबीयत बिगड़ी, बोले- लंबे नाखून वाली लड़की दिख रही थी
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BAREILY में स्कूल के अंदर बच्चे अपना गला दबाने लगे, जोर-जोर से चीखने लगे। 7 बच्चों के इस व्यवहार से पूरा स्कूल सकते में आ गया। डर के मारे कुछ बच्चे स्कूल छोड़कर भाग गए। अध्यापकों ने तुरंत डॉक्टर, पुलिस-प्रशासन और बच्चों के परिजनों को सूचना दी।
घटना नवाबगंज क्षेत्र के ग्राम ईंध जागीर के सरकारी विद्यालय की है। ग्राम प्रधान के साथ नवाबगंज सीएचसी के डॉक्टर विजय और उनकी टीम मौके पर पहुंची। बच्चों ने बताया कि उन्हें लंबे नाखून वाली लड़की दिख रही थी। हमें नोचा, गला दबाया और साथ ले जा रही थी। डॉक्टरों ने बच्चों का प्राथमिक उपचार किया। इसके बाद परिजनों के साथ घर भेज दिया।
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जानिए पूरा घटनाक्रम नवाबगंज क्षेत्र के ग्राम ईंध जागीर में शनिवार दोपहर 2.30 बजे क्लास-6 की छात्रा शबनूर अचानक गश खाकर गिर पड़ी। अपना गला दबाने लगी। यह देखकर क्लास के बच्चे और टीचर हैरान हो गए। इसके तुरंत बाद अन्य बच्चे- दीप्ति, लता, फरीन, सोहेल, इंद्रजीत और अंजुम भी उसी तरह की हरकत करने लगे।
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डॉक्टरों ने इसे मानसिक दबाव बताया सूचना पर ग्राम प्रधान के साथ नवाबगंज सीएचसी के डॉक्टर विजय और उनकी टीम मौके पर पहुंची। बच्चों की जांच की। डॉक्टर ने बताया कि बच्चों में किसी भी तरह की बीमारी के संकेत नहीं मिले। मानसिक दबाव, सर्दी या सामूहिक डर के कारण बच्चों ने इस तरह का व्यवहार किया है।
डेढ़ घंटे पहले बच्चों ने आलू-टमाटर की सब्जी और चावल खाया था यह सब छुट्टी से कुछ समय पहले हुआ, जब बच्चे स्कूल में अपनी क्लास में थे। बच्चों के अनुसार, उन्हें ऐसा महसूस हुआ कि कोई लंबे-लंबे नाखून वाली लड़की उनके पास आई है। उनका गला दबाने लगी। टीचर सुषमा और सायम सहरा ने तुरंत स्कूल प्रशासन और ग्राम प्रधान प्रेमशंकर गंगवार को सूचना दी। बच्चों ने दोपहर एक बजे आलू-टमाटर की सब्जी और चावल खाया था। हालांकि, खाने को लेकर किसी भी छात्र ने कोई शिकायत नहीं की। आशंका जताई जा रही थी कि भोजन से कोई रिएक्शन हो सकता है, लेकिन जांच में ऐसी कोई बात सामने नहीं आई।
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एक छात्रा काफी देर तक बेहोश रही।
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विशेषज्ञ अलग-अलग राय दे रहे हैं चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अमित गंगवार ने बताया- बच्चों में किसी बीमारी के लक्षण नहीं पाए गए। उन्होंने कहा- यह संभव है कि सर्दी, थकान या वर्क लोड के कारण बच्चों की तबीयत बिगड़ी हो। एक बच्चे की हालत बिगड़ने पर अन्य बच्चे डर के कारण वही व्यवहार करने लगे हों।
SDM एके उपाध्याय और लेखपाल भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने बच्चों और स्कूल स्टाफ से घटना की पूरी जानकारी ली। पुलिस भी घटना को लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार कर रही है।
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सामूहिक डर डॉक्टरों ने बताया कि इस तरह की घटनाओं को मनोविज्ञान में सामूहिक हिस्टीरिया कहा जाता है। जब एक व्यक्ति किसी डर या घबराहट का अनुभव करता है, तो उसके आसपास के लोग भी उसी डर को महसूस करने लगते हैं। यह विशेष रूप से बच्चों या किशोरों में ज्यादा देखने को मिलता है। डर और घबराहट के कारण शारीरिक लक्षण, जैसे- बेहोशी, गला दबाना और चीखना-चिल्लाना सामान्य हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाओं में मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है।