जयपुर में अजमेर रोड तक मेट्रो का शिलान्यास हुआ:
लोकार्पण से पहले झोटवाड़ा ब्रिज से खाटूश्याम के पदयात्रियों को जाने का मौका दिया
जयपुर में आज 4 महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट का उद्घाटन भी होने जा रहा है। इनमें जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा बनाया जा रहा झोटवाड़ा आरओबी, बी-2 बाइपास अंडरपास खास है। इससे ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी। वहीं, जवाहर सर्किल के सौंदर्यीकरण, हाउसिंग बोर्ड की आवासीय योजनाओं के साथ ही फाउंटेन स्क्वेयर पार्क का होगा लोकार्पण किया जाएगा।
उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी शुक्रवार को झोटवाड़ा आरओबी (राव शेखाजी) का लोकार्पण करेंगी। वहीं नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा बी-2 बाइपास अंडरपास और जवाहर सर्किल सौंदर्यीकरण के काम का लोकार्पण करेंगे। इसके अलावा मानसरोवर में बने फाउंटेन स्क्वेयर पार्क का भी लोकार्पण किया जाएगा।
इससे पहले जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (आरआईसी) में मेट्रो के फेज 1-डी का शिलान्यास किया गया। जो मानसरोवर से 200 फीट अजमेर रोड तक होगी। इस दौरान यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा, सांसद रामचरण बोहरा मौजूद रहे। फेज 1-डी 1.35 किलोमीटर लंबा होगा। इस पर कुल 204.81 करोड रुपए खर्च होंगे।
झोटवाड़ा आरओबी से करीब 5 लाख लोगों को मिलेगा फायदा
झोटवाड़ा आरओबी की कुल लंबाई 2450 मीटर है। पहले फेज में निवारू टी-जंक्शन से अंबाबाड़ी तक आरओबी शुरू हो चुका है। अब कालवाड़ रोड से निवारू टी-जंक्शन तक शुरुआत होगी। इस आरओबी का काम पूरा होने से झोटवाड़ा क्षेत्र के लोगों को ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी। इसका बड़ा फायदा कालवाड़ रोड से आने वाले वाहनों को होगा। झोटवाड़ा पंचायत समिति से सीधे चौमूं सर्किल और अंबाबाड़ी की कनेक्टिविटी मिलेगी। आरओबी के निर्माण से लता सर्किल, राव शेखाजी सर्किल, अंबाबाड़ी जंक्शन और खातीपुरा पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा। आरओबी को खातीपुरा रोड से जोड़ा गया है, जिससे वैशाली नगर, खातीपुरा से अंबाबाड़ी, वीकेआई जाने वाले वाहनों को लता सर्किल से घूमकर नहीं आना पड़ेगा। इस प्रोजेक्ट से करीब 5 लाख लोगों को फायदा मिलेगा। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 166.73 करोड़ रुपए है।
बी-2 बाइपास पर 4 लेन अंडरपास की होगी शुरुआत
बी-2 बाइपास जंक्शन टोंक रोड पर एक प्रमुख जंक्शन है, जो कि दुर्गापुरा को सांगानेर, प्रतापनगर एवं सीतापुरा औधोगिक क्षेत्र से जोड़ता है। इसके अलावा इस रूट पर बड़ी संख्या में होटल, वैवाहिक स्थल, व्यावसायिक क्षेत्र, हॉस्पिटल और हवाई अड्डे आदि स्थित है। यहां से रोजाना 2 लाख से ज्यादा वाहन गुजरते हैं, जिसके कारण व्यस्ततम समय में ट्रैफिक जाम की समस्या रहती है। ट्रैफिक जाम के कारण समय के साथ-साथ ईंधन की भी बर्बादी होती है। यहां जवाहर सर्किल से मानसरोवर की तरफ 4 लेन का अंडरपास बनकर तैयार हो गया है। इस अंडरपास की कुल लंबाई और चौड़ाई क्रमशः 550.00 मीटर एवं 22.50 मीटर है। अंडरपास में सड़क के दोनों तरफ पैदल यात्रियों के लिए 2.40 मीटर चौड़ाई के फुटपाथ भी बनाए गए हैं। अंडरपास बनने से अब लोगों को ट्रैफिक जाम की समस्या से राहत मिलेगी और ईंधन की बचत होगी। टोंक रोड पर बजरी मंडी और रामदास अग्रवाल तिराहे पर क्लोवर लीफ के निर्माण के साथ सड़क, फुटपाथ एवं विद्युतीकरण का काम चल रहा है। प्रोजेक्ट की कुल लागत रुपए 155.06 करोड़ रुपए है।
जवाहर सर्किल पर किया सौंदर्यीकरण का काम
जवाहर सर्किल पर यातायात सुधारीकरण के लिए ट्रैफिक सिग्नल हटाकर वाहनों के आवागमन के लिए 2 एंट्री और 2 एग्जिट गेट का निर्माण किया गया है। वाहनों के आवागमन एवं जवाहर सर्किल की भव्यता को बढ़ाने के लिए ब्लैक कॉब्बल से 1.50 किलोमीटर लंबाई और 7.50 मीटर चौड़ाई का ड्राइव-वे निर्मित किया गया है। दैनिक गतिविधियों एवं पर्यटन को ध्यान में रखते हुए जवाहर सर्किल की बाहरी परिधि पर 1.30 किलोमीटर लंबाई और 1.80 मीटर चौड़ाई के फुटपाथ के साथ ही 1.15 किलोमीटर लंबाई और 2.50 मीटर चौड़ाई का साइकिल ट्रैक बनाया गया है। स्थानीय नागरिकों के घूमने के लिए जवाहर सर्किल उद्यान के अंदर 1.35 किलोमीटर लंबाई और 3.40 मीटर चौड़ाई का रबराइज जॉगिंग ट्रैक बनाया गया है।
जवाहर सर्किल के मुख्य रास्ते से ट्रैफिक सिग्नल हटाए जाने के बाद वाहनों के आवागमन होने से मुख्य मार्ग को पार करने के लिए पैदल यात्रियों एवं साइकिल सवारों के लिए 2 सब-वे का निर्माण किया गया है। दोनों सब-वे का निर्माण राजस्थान की पारंपरिक स्थापत्य कला को प्रदर्शित करने के लिए जोधपुर पत्थर से किया गया है। पर्यटन की दृष्टि से प्रत्येक सब-वे में 10-10 दुकानों का निर्माण भी किया गया है। जयपुर की पारंपरिक स्थापत्य कला एवं संस्कृति को प्रदर्शित करने हेतु राजस्थानी सफेद मार्बल में जयपुर आने वाले पर्यटकों के स्वागत के लिए एयरपोर्ट टर्मिनल-2 सड़क के सामने 104 मीटर लंबाई एवं 32 मीटर ऊंचाई के मॉन्यूमेन्ट का निर्माण किया गया है। यह भव्य मॉन्यूमेंट 216 पीलरों पर खड़ा है, जिसमे 42 झरोखे, 62 कलश और 4 छतरियां स्थापित की गई है। इसके अतिरिक्त जवाहर सर्किल पर डेकोरेटिव पोल्स के साथ विद्युतीकरण, सुरक्षा हेतु आधुनिक स्तर के कैमरा सिस्टम और जवाहर सर्किल उद्यान में आने-जाने वाले यातायात पर दृष्टि रखने हेतु इन्टेलिजेन्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम की स्थापना की गई है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 44.18 करोड़ रुपए है।